New Delhi: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में शरनिवार को हरियाणा सरकार और National Forensic Science University (NFSU), गांधीनगर के बीच आज पंचकुला में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री मनोहर लाल और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि NFSU के साथ जोड़ कर शनिवार को हरियाणा के क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को एक वैज्ञानिक आधार देने का काम किया गया है। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश काल के 3 कानून भारतीय न्याय व्यवस्था को चलाते आ रहे थे, उनमें त्वरित न्याय और सबको न्याय के कॉन्सेप्ट के साथ बदलाव किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन्ही बदलावों का एक हिस्सा है कि 7 साल या अधिक सज़ा वाले अपराधों में अब फॉरेन्सिक टीम की विज़िट को अनिवार्य किया गया है, जिससे पूरे देश में फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स की मांग बढ़ेगी जिसे NFSU पूरा करेगा। श्री शाह ने कहा कि अब तक 9 राज्यों में इस यूनिवर्सिटी के कैंपस खुल चुके हैं और देश के लगभग 16 राज्यों में इस यूनिवर्सिटी को पहुंचाने का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे ट्रेंड मैनपॉवर तो तैयार होगी और अपराधों को सुलझाने की गति में तेजी व सजा की दर सुधारने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इससे नए कानूनों को ज़मीन पर उतारने में भी बहुत फायदा मिलेगा।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि एक ही कैंपस में लैबोरेट्री, यूनिवर्सिटी और ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट होने से प्रशिक्षक औऱ प्रशिक्षु दोनों को बहुत सरलता होगी। उन्होंने कहा कि यहां अगर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खुलने की प्लानिंग की जाए तो भारत सरकार अपने खर्च पर फॉरेन्सिक साइंस की ट्रेनिंग के लिए अच्छी व्यवस्था उपलब्ध कराएगी।
अमित शाह ने कहा कि फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी केवल बच्चों को पढ़ाने और ट्रेंड मैनपावर तैयार करने का काम नहीं करती बल्कि फॉरेंसिक इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने में भी सहायता करती है। श्री शाह ने यह भी कहा कि इससे दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर के पुलिस सब इंस्पेक्टर (PSI) पुलिस उप-अधीक्षक (Dy. SP) और पुलिस अधीक्षक (SP) स्तर के अधिकारियों और न्यायाधीशों की ट्रेनिंग यहां हो सकेगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आज की गई ये पहल आने वाले दिनों में हरियाणा के क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में बदलाव लाएगी।