New Delhi: सरकार निर्भया फंड के अंतर्गत महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध रोकथाम (सीसीपीडब्ल्यूसी) की एक योजना लागू की है। महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराधों पर विशेष ध्यान देने के साथ सभी प्रकार के साइबर अपराधों की रिपोर्ट करने के लिए सीसीपीडब्ल्यूसी के अंतर्गत एक राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) www.cybercrime.gov.in शुरू किया गया है। सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 1930 भी चालू है। राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) को 16.18 करोड़ से अधिक लोगों ने देखा है। 30.04.2024 तक 1.94 लाख बाल अश्लीलता/बलात्कार या सामूहिक बलात्कार (सीपी/आरजीआर) की शिकायतें दर्ज की गई हैं। ऑनलाइन टिप-लाइन रिपोर्ट प्राप्त करने के संबंध में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी), भारत और अमेरिका के गुमशुदा और शोषित बच्चों के लिए राष्ट्रीय केंद्र (एनसीएमईसी) के बीच 26.04.2019 को गुमशुदा और शोषित बच्चों के लिए राष्ट्रीय केंद्र (एनसीएमईसी) से बाल अश्लीलता और बाल यौन शोषण सामग्री की जानकारी प्रदान करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किए गए हैं। 31.03.2024 तक, 69.05 लाख से अधिक साइबर टिप-लाइन रिपोर्ट संबंधित राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के साथ साझा की गई हैं। सीसीपीडब्ल्यूसी योजना के अंतर्गत, 33 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में साइबर फोरेंसिक सह प्रशिक्षण प्रयोगशालाएं भी स्थापित की गई हैं।
महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध रोकथाम (सीसीपीडब्ल्यूसी) योजना के अंतर्गत, गृह मंत्रालय ने राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को 131.60 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की है, जिसमें से 105.30 करोड़ रुपये का उपयोग किया जा चुका है। इसके अलावा, केंद्रीय एजेंसियों यानी एनसीआरबी, पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरएंडडी) और फॉरेंसिक साइंस सर्विसेज निदेशालय (डीएफएसएस) को 41.45 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं। इसके अंतर्गत 100 प्रतिशत फंड का उपयोग किया जा चुका है।
निर्भया फंड के अंतर्गत कुछ परियोजनाएं/योजनाएं प्रौद्योगिकी-संचालित हैं। इनमें शामिल हैं, आपातकालीन राहत सहायता प्रणाली (ईआरएसएस)-112 को सभी 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में चालू किया गया है और 30 अप्रैल 2024 तक 14.36 से अधिककॉल के साथ 36.29 करोड़ से अधिक कॉल को दर्ज किया गया है। ‘112 इंडिया’ मोबाइल ऐप को लाखों बार डाउनलोड किया गया है।