December 15, 2024

New Delhi: भगवान बुद्ध के चार पवित्र पिपराहवा अवशेष सहित उनके दो शिष्यों- अरहाता सारिपुत्र और अरहाता मौदगल्यायन के अवशेष 22 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ 26 दिवसीय प्रदर्शनी के लिए गुरुवार को थाईलैंड के बैंकॉक पहुंचे हैं। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर और केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार कर रहे हैं। इस प्रतिनिधिमंडल में कुशीनगर व औरंगाबाद के सम्मानित भिक्षु, लद्दाख स्थित संस्कृति मंत्रालय व मध्य प्रदेश सरकार के अधिकारी, राष्ट्रीय संग्रहालय के क्यूरेटर, कलाकार और विद्वान शामिल हैं। इस कार्यक्रम का आयोजन विदेश मंत्रालय, थाईलैंड में भारतीय दूतावास, अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ, राष्ट्रीय संग्रहालय, मध्य प्रदेश सरकार के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।

बैंकॉक सैन्य हवाई अड्डे पर पवित्र अवशेषों का थाईलैंड की सरकार में संस्कृति मंत्री श्री सर्मसाक पोंगपनित, थाई अधिकारियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों सहित बड़ी संख्या में भिक्षुओं द्वारा श्रद्धापूर्ण हार्दिक स्वागत किया गया। इन पवित्र अवशेषों का स्वागत सैन्य हवाई अड्डे पर शुभ मंत्रोच्चार समारोह और उत्साहपूर्ण आतिथ्य प्रदर्शन के साथ किया गया। केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार और प्रतिनिधिमंडलों के साथ श्री सर्मसाक पोंगपनित व थाई अधिकारियों द्वारा पवित्र अवशेषों को सैन्य हवाई अड्डे से बैंकॉक स्थित राष्ट्रीय संग्रहालय में सुरक्षित रखने के लिए ले जाया गया। इसके बाद इन्हें 23 फरवरी को बैंकॉक के सनम लुआंग पवेलियन में तैयार एक भव्य मंडप में स्थापित किया जाएगा। वहीं, श्रद्धालु माखा बुचा दिवस से अपनी श्रद्धा अर्पित कर सकते हैं।

22 फरवरी, 2024 को थाईलैंड के धार्मिक कार्य विभाग और राष्ट्रीय संग्रहालय ने थाईलैंड राष्ट्रीय संग्रहालय में पवित्र अवशेषों के लिए एक प्रदर्शनी समझौते पर भी हस्ताक्षर किए।

इससे पहले पारंपरिक समारोहों के बाद पवित्र अवशेषों को लेकर प्रतिनिधिमंडल दिल्ली (भारत) से रवाना हुआ था। ये अवशेष संस्कृति मंत्रालय के राष्ट्रीय संग्रहालय में रखे गए 20 विशेष अवशेषों में से हैं। इनमें से चार इस महत्वपूर्ण अवसर के लिए थाईलैंड ले जाया गया है। इसके अलावा भगवान बुद्ध के दो सम्मानित शिष्यों- अराहत सारिपुत्र और अराहत मौदगल्यायन के पवित्र अवशेषों, जिन्हें वर्तमान में सांची रखा गया है, को भी थाईलैंड ले जाया गया है और पहली बार एक साथ प्रदर्शित किए जाएंगे। इन अवशेषों को राजकीय अतिथि का दर्जा देते हुए भारतीय वायुसेना के विमान में ले जाया गया है।

बिहार के राज्यपाल, केंद्रीय मंत्री और थाईलैंड के राजदूत की उपस्थिति में पालम हवाईअड्डे पर आयोजित समारोह

प्रदर्शनी कार्यक्रम के तहत पूरे थाईलैंड में कई स्थानों का दौरा शामिल है, जिससे भक्तों और उत्साही लोगों को समान रूप से इन प्रतिष्ठित अवशेषों को श्रद्धांजलि अर्पित करने का अवसर प्राप्त हो सके:

सनम लुआंग पवेलियन, बैंकॉक: 22 फरवरी 2024 – 3 मार्च 2024 (11 दिन)
हो कुम लुआंग, रॉयल राजप्रुक, चियांग माई: 4 मार्च 2024 – 8 मार्च 2024 (5 दिन)
वाट महा वानाराम, उबोन रतचथानी: 9 मार्च 2024 – 13 मार्च 2024 (5 दिन)
वाट महाथाट, औलुएक, क्राबी: 14 मार्च 2024 – 18 मार्च 2024 (5 दिन)
इन पवित्र अवशेषों को 19 मार्च को थाईलैंड से उनके संबंधित स्थानों तक वापस ले जाया जाएगा। इसके साथ थाईलैंड में एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध प्रदर्शनी का समापन होगा।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Don`t copy text!