New Delhi: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित अपने आवास पर छत्तीसगढ़ के नक्सली हिंसा पीड़ितों से मुलाकात की। इनमें बस्तर शांति समिति के तत्वाधान में छत्तीसगढ़ के वामपंथी उग्रवाद-प्रभावित इलाकों के नक्सली हिंसा प्रभावित 55 लोग शामिल थे।
बस्तर शांति समिति ने छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद से पीड़ित लोगों की व्यथा को दर्शाने वाली एक डॉक्यूमेन्टरी भी दिखाई। नक्सली हिंसा से पीड़ित कुछ लोगों ने गृह मंत्री को अपनी व्यथा बताई।
नक्सली हिंसा से पीड़ित लोगों से संवाद के दौरान केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार की नीतियों के कारण, वामपंथी उग्रवाद अब छत्तीसगढ़ में बस्तर के कुछ ज़िलों तक सीमित होकर रह गया है। श्री शाह ने कहा कि नक्सलवाद, मानवता और देश की आंतरिक सुरक्षा, दोनों के लिए ख़तरा है।
श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार वामपंथी उग्रवाद से पीड़ित लोगों के समग्र विकास के लिए अगले 3 महीनों में योजना लाएंगे।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में विकास योजनाओं के माध्यम से मोदी सरकार ने नक्सलियों को संदेश दिया है कि मारने वाले से बचाने वाला बड़ा होता है। गृह मंत्री ने कहा कि नक्सलियों के मानवाधिकार का पक्ष लेने वालों को इससे पीड़ित होने वालों का मानवाधिकार देखना चाहिए।
गृह मंत्री ने वामपंथी उग्रवादियों से हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि मार्च, 2026 तक वामपंथी उग्रवाद के समूल खात्मे के बाद बस्तर एक बार फिर सुंदर, शांतिपूर्ण और विकसित होगा।