New Delhi: बच्चों और युवाओं में अंतरिक्ष और ब्रह्मांड के प्रति आकर्षण होता है। वे बहुत जिज्ञासु होते हैं और सभी खगोलीय प्रक्रियाओं के बारे में सब कुछ जानना चाहते हैं। युवा मन की इस प्रबल जिज्ञासा के संबोधन के लिए, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) स्कूली बच्चों के लिए “यंग साइंटिस्ट प्रोग्राम” “युवा विज्ञानी कार्यक्रम” (युविका) नामक एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नवीन रुझानों में युवा छात्रों के लिए अंतरिक्ष विज्ञान, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष अनुप्रयोगों पर बुनियादी ज्ञान प्रदान करना है। इसरो ने इस कार्यक्रम की रूपरेखा “युवाओं को जोड़ो” प्रतीक के साथ तैयार की गई है। यद्यपि हम सभी जानते हैं कि युवा अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी से जुड़ सकते हैं और यदि उन्हें अवसर मिलें तो इस क्षेत्र में उत्कृष्ट स्थान प्राप्त कर सकते हैं, क्योंकि वे हमारे राष्ट्र निर्माण में भविष्य का आधार हैं।
युविका कार्यक्रम से और अधिक छात्रों को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) आधारित अनुसंधान और संरेखित जीविकोपार्जन में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने की भी आशा है।
युवा विज्ञानी कार्यक्रम की परिकल्पना देश के ग्रामीण क्षेत्रों को प्राथमिकता देते हुए युवा छात्रों को अंतरिक्ष विज्ञान, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष अनुप्रयोगों पर बुनियादी ज्ञान प्रदान करने के लिए की गई थी। इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्कूल जाने वाले छात्रों के बीच विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नवीन रुझानों के प्रति जागरूकता का सृजन करना है। इस कार्यक्रम में दो सप्ताह के कक्षा प्रशिक्षण, प्रयोगों का व्यावहारिक प्रदर्शन, कैनसैट, रोबोटिक किट, इसरो वैज्ञानिकों के साथ मॉडल रॉकेटरी बातचीत और क्षेत्र के दौरे की परिकल्पना की गई है।
इस कार्यक्रम का आयोजन भारत के प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए क्रमशः 111, 153 और 337 छात्रों की भागीदारी के साथ वर्ष 2019, वर्ष 2022 और वर्ष 2023 में सफलतापूर्वक किया गया था। छात्रों को भौगोलिक स्थानों के आधार पर पांच बैचों में विभाजित किया गया और इन्हें विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी), यूआर राव उपग्रह केंद्र (यूआरएससी), अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (एसएसी), राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (एनआरएससी), उत्तर पूर्वी अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (एनईएसएसी), सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) शार और भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान (आईआईआरएस) में प्रशिक्षण दिया गया।
इसरो को युविका – 2023 के आयोजन के लिए उत्साहपूर्ण सहयोग मिला, क्योंकि भारत के सभी क्षेत्रों से 1.25 लाख से अधिक छात्रों ने युविका – 2023 के लिए पंजीकरण कराया था। छात्रों का चयन सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से उनकी पिछली परीक्षा में प्राप्त अंकों, सह-पाठ्यचर्या और पाठ्येतर गतिविधियों के आधार पर किया जाता है।
पाठ्यक्रम में कक्षा गत व्याख्यान, रोबोटिक्स चुनौती, रॉकेट/सैटेलाइट की डीआईवाई असेंबली, आकाश को देखना आदि जैसी व्यावहारिक गतिविधियां, तकनीकी सुविधाओं का प्रयोग और अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के साथ बातचीत शामिल हैं।
भारत में 1 जनवरी, 2024 तक कक्षा 9 में पढ़ने वाले छात्र इसरो यंग साइंटिस्ट प्रोग्राम (युविका) के लिए आवेदन करने के पात्र हैं। आवेदकों को सलाह दी जाती है कि वे आवेदन पत्र जमा करने से पहले आवेदन पत्र में दर्ज सभी विवरणों, अपलोड किए गए दस्तावेजों और प्रमाणपत्रों की सावधानीपूर्वक समीक्षा करें। एक बार जमा किए गए आवेदनों को बाद में संपादित या संशोधित नहीं किया जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए आवेदक छात्र इसरो अंतरिक्ष जिज्ञासा की वेबसाइट https://jigyasa.iirs.gov.in/yuvika पर जा सकते हैं।