New Delhi: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार 3 जनवरी, 2024 को कवरत्ती में सौर ऊर्जा संयंत्र राष्ट्र को समर्पित किया, जो अत्याधुनिक बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बीईएसएस) प्रौद्योगिकी के साथ क्षेत्र की पहली ऑन-ग्रिड सौर परियोजना है। लक्षद्वीप के लिए यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। इसके साथ ही सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसईसीआई) की कुल मिलाकर 1.7 मेगावाट की सौर क्षमता और एक उन्नत 1.4 मेगावाट बैटरी भंडारण सुविधा है।
इस द्वीपसमूह के लिए स्थायी ऊर्जा समाधान की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण प्रगति है जो सौर ऊर्जा संयंत्र कवरत्ती में डीजल-आधारित बिजली उत्पादन संयंत्र पर निर्भरता को कम करने में मदद करेगा। लक्षद्वीप ऊर्जा विकास एजेंसी (एलईडीए) अब इन सौर संयंत्रों से बिजली का उपयोग करेगी, जो क्षेत्र के लिए डीजल-आधारित बिजली उत्पादन से टिकाऊ, पर्यावरण-अनुकूल ऊर्जा स्रोत में बड़े बदलाव को चिह्नित करेगी।
इस सौर ऊर्जा संयंत्र के अनुमानित तकनीकी जीवनकाल में लगभग 250 करोड़ रूपये की व्यावसायिक बचत होने का अनुमान है। डीजल की खपत में 190 लाख लीटर तक की उल्लेखनीय कमी और 58,000 टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन की कमी हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने और लक्षद्वीप के लिए एक स्वच्छ तथा अधिक टिकाऊ भविष्य को बढ़ावा देने में इसके गहन महत्व को रेखांकित करती है।
इस परियोजना के लिए इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (ईपीसी) विशेषज्ञता सनसोर्स एनर्जी द्वारा प्रदान की गई है।
नवीन और अक्षय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक मिनीरत्न श्रेणी-I केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र इकाई सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसईसीआई) विभिन्न अक्षय ऊर्जा संसाधनों विशेष रूप से सौर तथा पवन ऊर्जा, अक्षय ऊर्जा (आरई) आधारित भंडारण प्रणाली, बिजली का व्यापार, अनुसंधान एवं विकास के साथ-साथ ग्रीन हाइड्रोजन, ग्रीन अमोनिया और आरई-संचालित इलेक्ट्रिक वाहन जैसे आरई-आधारित उत्पादों के प्रचार और विकास में लगी हुई है।
एसईसीएल कंपनी एमएनआरई की कई योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए नोडल एजेंसियों में से एक है। इस कंपनी के पास श्रेणी 1 पावर ट्रेडिंग लाइसेंस भी है और यह अपनी स्थापित परियोजनाओं से सौर/ पवन/ हाइब्रिड/ आरटीसी/ बीएसईएस बिजली के व्यापार के माध्यम से इस क्षेत्र में सक्रिय है।