New Delhi: फिक्की फ्रेम्स का 24वां संस्करण बुधवार को मुंबई में शुरू हुआ। इसके उद्घाटन सत्र में महाराष्ट्र सरकार के कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा और सूचना एवं प्रसारण सचिव संजय जाजू, अभिनेत्री रानी मुखर्जी, फिक्की के उपाध्यक्ष अनंत गोयनका, मीडिया एवं मनोरंजन (एम एंड ई) समिति के फिक्की अध्यक्ष केविन वाज़ और एवीजीसी के फिक्की अध्यक्ष आशीष कुलकर्णी और गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।
मंगल मंगल प्रभात लोढ़ा ने सम्मेलन में आए सभी प्रतिभागियों का महाराष्ट्र सरकार की ओर से स्वागत करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में भारत जैसे युवा राष्ट्र के लिए कौशल और पुन: कौशल को अत्यधिक महत्व मिलेगा और उन्होंने उद्योग जगत से कौशल क्षेत्र में सहायता देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री के ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार करना सभी के सामूहिक योगदान पर निर्भर करता है।
इस अवसर पर अपने विशेष संबोधन में सूचना एवं प्रसारण सचिव श्री संजय जाजू ने कहा कि हमारे समाज को आकार देने, हमारे दृष्टिकोण को प्रभावित करने और हमारे सामूहिक प्रयासों को प्रतिबिंबित करने में एम एंड ई खंड की महत्वपूर्ण भूमिका को भारत सरकार ने पहचाना है। उन्होंने कहा कि यह उद्योग अपनी रचनात्मकता, नवोन्मेषिता, सांस्कृतिक समृद्धि के लिए विख्यात है और यह केवल हमारे देश के लिए ही नहीं, बल्कि दुनिया के लिए भी मार्गदर्शक का कार्य करता है। सूचना एवं प्रसारण सचिव ने कहा कि यह क्षेत्र भारतीय जीवन के वैविध्यपूर्ण चित्रपट से गहराई से मेल खाता है और यह सीमाओं को पार करता है और हमारे जैसे विविधताओं से भरपूर राष्ट्र के लिए अनेकता में एकता को बढ़ावा देता है।
सूचना एवं प्रसारण सचिव श्री संजय जाजू ने कहा कि एम एंड ई एक अनूठा खंड है जिसमें विकास और रोजगार की अधिकता अंतर्निहित है और साथ ही इस क्षेत्र में होने वाले व्यवधानों के दृष्टिकोण से यह एक उभरता हुआ क्षेत्र भी है। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र हमारी अर्थव्यवस्था अर्थव्यवस्था को कई गुना बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
ऑनलाइन मीडिया सामग्री की उपलब्धता के कारण एम एंड ई क्षेत्र त्वरित बदलाव का साक्षी बन रहा है
सूचना एवं प्रसारण सचिव ने कहा कि वर्तमान समय में भारत डिजिटल परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है, ऑनलाइन मीडिया सामग्री की उपलब्धता के कारण एम एंड ई क्षेत्र भी त्वरित बदलाव का साक्षी बन रहा है। देश के कोने-कोने में किफायती स्मार्टफोन और डेटा की उपलब्धता के कारण इंटरनेट पर मौजूद सामग्री तक पहुंच बढ़ गई है। डिजिटल बुनियादी ढांचे के बारे में उन्होंने बताया कि भारत में 90 करोड़ इंटरनेट उपयोगकर्ता, 60 करोड़ से अधिक स्मार्टफोन और 4 करोड़ से अधिक कनेक्टेड टीवी हैं।