
New Delhi: वित्तीय सेवा विभाग ने “एक राज्य एक आरआरबी” के सिद्धांत पर 26 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के विलय को अधिसूचित किया है। यह आरआरबी के विलय का चौथा चरण है।
पिछले कुछ समय में विलय के कारण आरआरबी की कार्यकुशलता में सुधार को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्रालय ने हितधारकों के साथ परामर्श के लिए नवंबर-2024 में एक विलय योजना शुभारंभ किया था। हितधारकों के साथ परामर्श के बाद, 10 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश में 26 आरआरबी का विलय किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य पैमाने की कार्यकुशलता में सुधार और लागत को तर्कसंगत बनाना है।
वर्तमान में, 26 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में 43 आरआरबी कार्यरत हैं। विलय के बाद, 26 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में 28 आरआरबी होंगे, जिनकी 700 जिलों में 22000 से अधिक शाखाएं होंगी। इनका संचालन का मुख्य ग्रामीण क्षेत्र है, जिसमें लगभग 92 प्रतिशत शाखाएं ग्रामीण/अर्ध शहरी क्षेत्रों में हैं।
यह विलय का चौथा चरण है। पिछले 3 चरणों में यानी चरण- I (वित्त वर्ष 2006 से वित्त वर्ष 2010) में आरआरबी की संख्या 196 से घटाकर 82 कर दी गई थी, चरण-2 (वित्त वर्ष 2013-वित्त वर्ष 2015) में आरआरबी की संख्या 82 से घटाकर 56 कर दी गई थी और चरण-3 (वित्त वर्ष 2019 से वित्त वर्ष 2021) में आरआरबी की संख्या 56 से घटाकर 43 कर दी गई थी।