New Delhi: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को एनसीईआरटी और एमज़ॉन सेलर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के बीच अनुबंध पत्र (एलओई) पर हस्ताक्षर समारोह की अध्यक्षता की। यह पहला ऐसा समझौता है, जो प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर मुद्रित मूल्य पर एनसीईआरटी की मूल पाठ्यपुस्तकों तक पहुंच सुनिश्चित करेगा।
श्री प्रधान ने समारोह में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज की पहल शिक्षा को समावेशी, सुलभ और किफायती बनाने के राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 के दृष्टिकोण को मजबूत करेगी। उन्होंने कहा कि देश भर में बढ़ते डिजिटल उपयोग के साथ, यह पहल सरकार के ‘जीवन यापन में सुगमता’ के दृष्टिकोण का भी समर्थन करेगी। श्री प्रधान ने कहा कि एनसीईआरटी वर्ष 1963 से लगभग 220 करोड़ पुस्तकें और पत्रिकाएँ प्रकाशित करके भारत के शिक्षा परिदृश्य को आकार दे रहा है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि एनसीईआरटी देश के लिए एक प्रमुख थिंक टैंक है। इसके अलावा, उन्होंने घोषणा की कि ये पुस्तकें देशभर में लगभग 20,000 पिन कोड पर उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि ये किताबें अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) पर उपलब्ध होनी चाहिए।
श्री धर्मेंद्र प्रधान ने एमज़ॉन के साथ एनसीईआरटी की साझेदारी की प्रशंसा करते हुए इसे जीवन में सुगमता और शिक्षा तक पहुंच बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि एनसीईआरटी किताबों का प्रकाशन तीन गुना तक बढ़ाएगा और अगले शैक्षणिक सत्र (2025-26) के लिए 15 करोड़ किताबें प्रकाशित करेगा।