New Delhi: सरकार ने मेडिकल कॉलेजों की संख्या में वृद्धि की है और इसके बाद एमबीबीएस सीटों में भी वृद्धि की है। 2014 से पहले 387 मेडिकल कॉलेजों की संख्या में 88 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो अब 731 हो गई है। इसके अलावा, 2014 से पहले 51,348 से एमबीबीएस सीटों में 118 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो अब 1,12,112 हो गई है। स्नातकोत्तर सीटों में भी 2014 से पहले 31,185 से अब तक 72,627 तक 133 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
i. जिला/ रेफरल अस्पताल को अपग्रेड करके नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए केंद्र प्रायोजित योजना (सीएसएस) जिसके तहत 157 नए मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 109 पहले से ही कार्यात्मक हैं।
ii. एमबीबीएस (स्नातक) और स्नातकोत्तर सीटों की संख्या बढ़ाने के लिए मौजूदा राज्य सरकार/ केंद्र सरकार के मेडिकल कॉलेजों को मजबूत/ उन्नत करने के लिए सीएसएस, जिसके तहत 5,972.20 करोड़ रुपये की स्वीकृत लागत से 83 कॉलेजों में 4,977 एमबीबीएस सीटें, 1,498.43 करोड़ रुपये की स्वीकृत लागत से चरण-I में 72 कॉलेजों में 4,058 पीजी सीटें और 4,478.25 करोड़ रुपये की स्वीकृत लागत से चरण-II में 65 कॉलेजों में 4,000 पीजी सीटें बढ़ाने के लिए समर्थन प्रदान किया गया है।
iii. प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) के घटक “सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉकों के निर्माण द्वारा सरकारी मेडिकल कॉलेजों के उन्नयन” के तहत कुल 75 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 66 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं।
iv. नए एम्स की स्थापना के लिए केंद्रीय क्षेत्र योजना के तहत 22 एम्स को मंजूरी दी गई है। इनमें से 19 में स्नातक पाठ्यक्रम शुरू हो चुके हैं।
v. शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए शिक्षण संकाय के रूप में नियुक्ति के लिए डीएनबी योग्यता को मान्यता दी गई है।
vi. मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों/ डीन/ प्रिंसिपल/ निदेशक के पदों पर नियुक्ति/ विस्तार/ पुनर्नियुक्ति के लिए आयु सीमा को बढ़ाकर 70 वर्ष किया गया है।